
परिचय
नट जाति का इतिहास: भारत की पारंपरिक जाति व्यवस्था में नट जाति का एक महत्वपूर्ण स्थान है। यह जाति अपनी कलात्मक दक्षता, नृत्य, रस्सीबाजी और मनोरंजन कला के लिए जानी जाती है। नट जाति का उल्लेख न केवल ऐतिहासिक ग्रंथों में मिलता है, बल्कि यह समाज में भी अपने विशिष्ट स्थान के लिए प्रसिद्ध रही है। आइये जानते है नट जाति का इतिहास:
हिन्दू शास्त्रों में नट जाति का उल्लेख
- महाभारत और रामायण में नट कलाकारों का उल्लेख – राजा-महाराजाओं के दरबारों में नट समुदाय के लोग अपनी कलाओं का प्रदर्शन करते थे।
- मनुस्मृति में वर्ण व्यवस्था के अनुसार नट जाति का स्थान – इसे शिल्प एवं कला से जुड़ी जातियों में शामिल किया गया।
- नटराज (शिव) का संबंध नृत्य और नट समुदाय से – भगवान शिव को नटराज कहा जाता है, जो नृत्य कला के प्रतीक हैं।
नट जाति का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
कालखंड | नट जाति की स्थिति |
---|---|
प्राचीन भारत | दरबारों और धार्मिक अनुष्ठानों में महत्वपूर्ण योगदान |
मध्यकालीन भारत | राजाओं और अमीरों के मनोरंजन के लिए प्रमुख कलाकार |
ब्रिटिश शासन | समाज में गिरावट, लेकिन पारंपरिक कलाएँ बनी रहीं |
स्वतंत्रता के बाद | कला के संरक्षण के प्रयास, लेकिन सामाजिक सुधार की आवश्यकता |
वर्तमान समय | सिनेमा, सर्कस, और मनोरंजन उद्योग में योगदान |
नट जाति का पारंपरिक पेशा और सामाजिक योगदान
- मनोरंजन और कला – पारंपरिक नट समुदाय मुख्य रूप से नृत्य, गायन, एक्रोबैटिक्स, और तमाशे का प्रदर्शन करता था।
- धार्मिक आयोजनों में भागीदारी – धार्मिक उत्सवों में नट जाति का योगदान महत्वपूर्ण रहा है।
- सामाजिक कुरीतियों से संघर्ष – इतिहास में इस समुदाय को निम्न वर्ग में रखा गया, लेकिन इन्होंने अपनी कला के माध्यम से पहचान बनाई।
आधुनिक युग में नट जाति की स्थिति
- शिक्षा और सरकारी योजनाएँ – नट समुदाय के लिए सरकारी आरक्षण एवं योजनाओं का लाभ।
- फिल्म और थिएटर इंडस्ट्री में भूमिका – आज के समय में नट समुदाय के लोग मनोरंजन उद्योग में भी अपना योगदान दे रहे हैं।
- सामाजिक सुधार और आरक्षण नीति – अनुसूचित जाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
- नट जाति का मुख्य पेशा क्या था?
- नट जाति पारंपरिक रूप से नृत्य, गायन, रस्सीबाजी और मनोरंजन कला से जुड़ी रही है।
- क्या नट जाति का उल्लेख हिन्दू शास्त्रों में मिलता है?
- हाँ, महाभारत, रामायण और अन्य ग्रंथों में नट कलाकारों का उल्लेख मिलता है।
- क्या नट जाति को आरक्षण का लाभ मिलता है?
- हाँ, भारत सरकार ने नट जाति को विभिन्न राज्यों में अनुसूचित जाति या अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल किया है।
- आधुनिक समय में नट जाति के लोग किन क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं?
- मनोरंजन उद्योग, फिल्म, थिएटर, सर्कस और कला के अन्य क्षेत्रों में।
निष्कर्ष
नट जाति भारतीय समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है, जिसने अपनी कला और संस्कृति से समाज को समृद्ध किया है। ऐतिहासिक रूप से यह समुदाय मनोरंजन और धार्मिक अनुष्ठानों का अभिन्न अंग रहा है, लेकिन सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का भी सामना करता रहा है। वर्तमान समय में शिक्षा, सरकारी योजनाओं, और आधुनिक उद्योगों में भागीदारी के चलते नट जाति का उत्थान हो रहा है।