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मक्कर संक्रांति: क्यों है यह पर्व विशेष? - Hindu Sanatan Vahini

मक्कर संक्रांति

मक्कर संक्रांति भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण और पारंपरिक पर्व है, जो हर साल जनवरी महीने में मनाया जाता है। यह दिन सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ जुड़ा हुआ होता है, और इसे पूरे देश में विभिन्न नामों से मनाया जाता है, जैसे पंजाब में लोहड़ी, महाराष्ट्र में मकर संक्रांति, गुजरात में उत्तरायणी, और तमिलनाडु में पोंगल। इस दिन की धार्मिक, सांस्कृतिक और कृषि से संबंधित महत्ता के कारण मक्कर संक्रांति भारतीय समाज में एक विशेष स्थान रखता है।

मक्कर संक्रांति का धार्मिक महत्व
मक्कर संक्रांति का धार्मिक दृष्टिकोण से गहरा महत्व है। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, जिसे आदित्य के उगने का दिन माना जाता है। इससे सूर्य की ऊर्जा में वृद्धि होती है और वातावरण में सकारात्मकता का संचार होता है। हिन्दू धर्म में इसे एक शुभ अवसर माना जाता है, जब लोग अपने पापों को धोने के लिए स्नान करते हैं और दान-पुण्य करते हैं। यह दिन पुण्य कमाने और जीवन में नई ऊर्जा भरने के लिए उपयुक्त माना जाता है।

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मक्कर संक्रांति का कृषि महत्व
कृषि प्रधान भारत में मक्कर संक्रांति का विशेष महत्व है। यह समय क्यूंकि फसल की कटाई का मौसम होता है, खासकर उत्तर भारत में। किसानों के लिए यह दिन अत्यंत खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक है, क्योंकि इस समय वे अपनी मेहनत का फल प्राप्त करते हैं। इस दिन नए अनाज को पकाकर उसे पूजा में चढ़ाया जाता है, और कृषि से जुड़े लोग धन्यवाद देने के रूप में एक-दूसरे को तिल और गुड़ देते हैं, जो एक मिठा और शुभ संकेत होता है।

मक्कर संक्रांति और समाज
मक्क संक्रांति पर लोग एक-दूसरे से मिलने, खुशियाँ बाँटने और प्यार का आदान-प्रदान करते हैं। खासकर तिल और गुड़ का सेवन इस दिन का एक प्रमुख रिवाज है। तिल और गुड़ के लड्डू का आदान-प्रदान न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह अच्छे स्वास्थ्य और रिश्तों की मिठास को भी दर्शाता है। साथ ही, इस दिन पतंगबाजी का भी खास महत्व है, विशेषकर दिल्ली, पंजाब और गुजरात में। लोग आकाश में रंग-बिरंगे पतंग उड़ाते हैं और यह एक सामूहिक उत्सव का रूप लेता है।

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निष्कर्ष
मक्कर संक्रांति न केवल एक धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व है, बल्कि यह कृषि से जुड़ी समृद्धि और खुशी का प्रतीक भी है। इस दिन के दौरान किये जाने वाले पुण्य कार्य, तिल और गुड़ का सेवन, और समाजिक संबंधों का सुदृढ़ीकरण मक्कर संक्रांति को विशेष बनाता है। यह पर्व भारतीयता की आत्मा को उजागर करता है और हमें एकजुट होने का संदेश देता है।

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