
सनातन धर्म का इतिहास केवल एक धर्म नहीं, बल्कि एक शाश्वत जीवन पद्धति है। यह वेदों, उपनिषदों, महाभारत, रामायण, भगवद गीता और पुराणों पर आधारित है। इसकी जड़ें सृष्टि की उत्पत्ति से जुड़ी हुई हैं, जो इसे संसार का सबसे प्राचीन धर्म बनाती हैं। आइये जानते है सनातन धर्म का इतिहास “कालो न जानति येषाहम् पार्थिव्यम् | “सर्वे वेदा यत्निर्तितास्ति यैरेय: | “या देवि सर्वभूतेषु चराचरम् यन्त्रितं | “कर्मण्येव अधर्म धार्ममिधर्म च सत्यम् | अर्थ: सत्य, धर्म और मोक्ष ही सनातन धर्म के मूल उद्देश्य हैं। जो व्यक्ति अपने कर्मों में धर्म को अपनाता है, वही सच्चे अर्थों में मोक्ष प्राप्त कर सकता है। सनातन धर्म हिंदू धर्म का प्राचीन और शाश्वत रूप है, जो वेदों, उपनिषदों और अन्य शास्त्रों पर आधारित है। यह केवल एक धर्म नहीं, बल्कि एक जीवन पद्धति है। सनातन धर्म के प्रमुख ग्रंथ वेद, उपनिषद, भगवद गीता, महाभारत, रामायण और पुराण हैं। नहीं, सनातन धर्म संपूर्ण मानव जाति के लिए एक मार्गदर्शिका है। यह संपूर्ण विश्व के कल्याण के सिद्धांतों पर आधारित है। मोक्ष प्राप्त करने के लिए ज्ञान, भक्ति, कर्म और योग मार्ग बताए गए हैं। व्यक्ति अपनी रुचि और स्वभाव के अनुसार इनमें से किसी एक को अपना सकता है। हाँ, सनातन धर्म में कई वैज्ञानिक सिद्धांत पहले से वर्णित हैं, जैसे योग, ध्यान, पंचतत्व, आयुर्वेद और खगोल विज्ञान। सनातन धर्म केवल आस्था का विषय नहीं है, बल्कि यह एक वैज्ञानिक और दार्शनिक दृष्टिकोण भी प्रस्तुत करता है। इसका मूल उद्देश्य मानवता का उत्थान और मोक्ष की प्राप्ति है।परिचय
श्लोक और उसका अर्थ
यन्मे विधिकारम् येषास्य न भविष्यते ||"
(महाभारत, शान्ति पर्व 109.9)
ये निश्चिता मार्गा नित्यास्ति यैरेय: ||"
(यजुर्वेद 40.8)
स्मृति द्विज्ञानम् ज्ञानम् मे यजानम् ||"
(तैत्तिरीय उपनिषद 1.4.14)
ये तु समम्यकानामावे विनित्यम् ||"
(मनुस्मृति चाप्य 2.2)सनातन धर्म की विशेष्ताएं
क्रम विवरण वेदिक परम्परा वेद, उपनिषद, अरण्यक स्मृति परम्परा महाभारत, रामायण, भागवत योग और ध्यान पतंजलि योग सूत्र, हठयोग भक्ति मार्ग रामानुज, चैतन्य महाप्रभु ज्ञान मार्ग वेदांत, शंकराचार्य अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. सनातन धर्म क्या है?
2. सनातन धर्म के प्रमुख ग्रंथ कौन-कौन से हैं?
3. क्या सनातन धर्म केवल हिंदुओं के लिए है?
4. सनातन धर्म के अनुसार मोक्ष प्राप्त करने का क्या मार्ग है?
5. क्या सनातन धर्म विज्ञान-सम्मत है?
निष्कर्ष