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रामनवमी और क्या है इसका महत्व - Hindu Sanatan Vahini

रामनवमी और क्या है

रामनवमी और क्या है चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी श्री राम को समर्पित है। चैत्र नवरात्रि का पर्व 22 मार्च से शुरू होकर 30 मार्च तक चलेगा। इस पर्व के अंतिम दिन यानी 30 मार्च को रामनवमी का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन श्री राम का जन्म हुआ था। यही कारण है इस दिन को श्री राम के जन्मोत्सव के रूप में समूचे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। चलिए जानते हैं इस पर्व को मनाने के पीछे मुख्य कारण क्या है और इसका महत्व क्या है।

क्यों मनाते हैं रामनवमी

हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान राम और उनके भाईयों के जन्‍म को लेकर एक पौराणिक कथा है। राजा दशरथ के अनुसार तीनों रानियों कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी में से तीनों को जब पुत्र की प्राप्ति नहीं हुई थी तो राजा दशरथ ने पुत्रेष्टि यज्ञ करवाया। प्रसाद में यज्ञ से निकली खीर को तीनों रानियों को खिला दिया गया था फिर कुछ समय बाद राजा दशरथ के घर में खुशखबरी सुनने को मिली यानी तीनों रानियों ने गर्भधारण किया है।

चैत्र शुक्ल नवमी के दिन कौशल्या माता ने राम, कैकेयी ने भरत और सुमित्रा ने लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्‍म दिया। राजा दशरथ को अब उनके उत्तराधिकारी मिल चुके थे। तब से यह तिथि रामनवमी के रूप में मनाई जाती है। शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान राम के जन्म के वक्त सूर्य और 5 ग्रहों की शुभ दृष्टि भी थी और इन खास युगों के बीच राजा दशरथ और माता कौशल्या के पुत्र का जन्म हुआ। आपको बता दें कि इसी शुभ मौके पर गोस्‍वामी तुलसीदास ने महाकाव्य रामचरितमानस की शुरू की थी। इस कारण से भी अयोध्या नगर वासियों के लिए इस दिन का विशेष महत्व होता है और वह इस दिन को बहुत शुभ भी मानते हैं।

क्या होता है इस दिन का महत्व

हिंदू धर्म में रामनवमी का बहुत अधिक महत्व होता है। हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार इस दिन जो भी भक्त पूरे भक्ति भाव और विधि विधान से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की पूजा करते हैं, उनके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है। आपको बता दें कि इस दिन कई जगहों पर भव्य कार्यक्रम और मेले आयोजित किए जाते हैं।

मान्यताओं के अनुसार रामनवमी के दिन माता दुर्गा और श्री राम जी की पूजा पूरे विधि पूर्वक करने वाले भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और साथ ही उनके जीवन से कष्टों का नाश होता है। रामनवमी के साथ नवरात्रि का समापन भी किया जाता है। यही वजह है कि इस दिन कई लोग कन्या पूजन कर माता रानी की आराधना करते हैं।

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